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Saturday 27 January 2018

काव्य निर्माण( Kavya Nirman)


**काव्य निर्माण**

न फ़िक्र है कल की कि
कल हमारा कैसा होगा...!
हम तो फिक्र करते हैं आज की
क्योंकि यही आज फिर कल होगा...!!
तुम भाव बनो हम शब्द बनेंगे
मिलकर अद्भुत काव्य निर्माण होगा..!!!

―बंधन मुक्त काव्य 

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