**बदल रही है जिंदगी**
बारिश के मौसम में
बादलो के साथ भेज रही हु ये पैगाम...
कभी आना तुम उस पहर में...
जब दर्द तेरी इंतजार के मोहताज हो.
कभी इत्मिनान से पुछना...
इन आंखो से
कितने अरसे से बह रही है
पुछना इस दिल को...
किस तपन से जल रहा है...
पुछना इन सांसो को..
किस और भटक रही है....
इन राहों को इंतजार है तेरा...
इन आंखो में इक बरसात है...
इन विरान गलियों में.
दिल में मचा एक शोर है...
जिंदगी चल रही है...
इस मौसम की भांति....
बदलते इस मौसम में
बदल रही है ये जिंदगी... !!
―परी
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