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Thursday 1 February 2018

February 01, 2018

बदल रही है जिंदगी (Badal Rahi Hai Zindagi)


**बदल रही है जिंदगी**

बारिश के मौसम में
  बादलो के साथ भेज रही हु ये पैगाम...
 कभी आना तुम उस पहर में...
   जब दर्द तेरी इंतजार के मोहताज हो.
कभी इत्मिनान से पुछना...
  इन आंखो से
कितने अरसे से बह रही है
पुछना इस दिल को...
   किस तपन से जल रहा है...
पुछना इन सांसो को..
   किस और भटक रही है....

इन राहों को इंतजार है तेरा...
    इन आंखो में इक बरसात है...
इन विरान गलियों में.
     दिल में मचा एक शोर है...

जिंदगी चल रही है...
   इस मौसम की भांति....
बदलते इस मौसम में
   बदल रही है ये जिंदगी... !!
 

―परी
February 01, 2018

हाल दिल का (Haal Dil Ka)


**हाल दिल का**

तुम मुझे देख सँवरती हो
हाल ए दिल कहते हैं।
पर,तेरे नैनों के तीर
मुझ पर ही क्यों चलते है।
तुम्हारी इस अदा के कायल है
सो,रोज घायल ही रहते है।
तुम्हें देखते रहने की तमन्ना,जो है
तो दम भी तो नहीं निकलते है।
इतना तो तय है,मगर
तुम मेरी नजर से जितना गुजरती हो,
उससे ज्यादा हम,तेरी नजर से गुजरते है।

― मानवेन्द्र कुमार

Tuesday 30 January 2018

January 30, 2018

एक हृदय - हाइकु ( Ek Hridya- Haiku)


**एक हृदय**
       ― हाइकु

एक #हृदय
बासन्ती फूलों सा हों
महक भरा।।

एक हृदय
मिलन की आस में
तड़प भरा।।

एक हृदय
सावन की बारिश से
हो अश्क़ भरा।।

एक हृदय
साग़र सा अथाह
हो इश्क़ भरा।।

एक हृदय
"बांवरा मन" सा हों
स्वप्न से भरा ।। 

- बांवरा मन

Monday 29 January 2018

January 29, 2018

कभी भाव शब्द में (Kabhi Bhav Shabd Mein)



कभी जब भाव शब्द में 
व्यक्त न हों पायें..! 
गति मिले पर दिशा 
दिग्भ्रमित हो जाये.! 
तब कोई तो माध्यम मिले
मन संयमित कर जाये..!! "

―मोहन लाल भया
January 29, 2018

तुम सिर्फ मेरी हो ( Tum Sirf Meri Ho)


**तुम सिर्फ मेरी हो**

तेरे आने की आहट से
ये दिल आज भी धड़क उठता है

गुजरता हूँ जो राह से तेरी
ना चाह कर भी तेरी ओर मुड़ता है

तेरे लफ्जों की शरारत से
मेरा दिल चहक उठता है

दूर रहूं या रहूं तेरे करीब मैं
हर रोज एक एहसास तुझसे जुड़ता है

तेरे सांसो की गर्माहट में
एक राहत मुझे हर रोज मिलता है

तेरी मुस्कुराहट पे फिदा होकर
तुझसे चाहत रोज हर रोज बढ़ता है!!

मेरे पास इतने लफ्ज नहीं जितनी तुम खास हो ..
 बस इतना कहना है तुम सबसे खास हो 

मेरे अजीज एहसास हो...
तुम जब कहती तो "तुम सिर्फ मेरी हो" 

यह शब्द सुनकर एक खुशी की लहर 
मेरे तन मन में उमड़ जाती है..

मुझे यकिन है तुम्हारे कहे हर एक लफ्ज पे ...
मुझे भरोसा है तुम्हारे हर वादे पे...

और इंतजार है बेसब्री से मुझे उस पल का 
जब तुम अपना बेपनाह प्यार लेकर
मेरी दूनिया में आओगी 
मेरे लिये हमेसा के लिये...!!

― श्याम

Sunday 28 January 2018

January 28, 2018

तड़प श्याम की (Tadap Shyam Ki)


**तड़प श्याम की**

जब दूर था तो पास आने की ख्वाहिस थी
अब जब पास हूं तो बहूत दूर जाना चाहता हूं

डर लगता है दूर होने से
क्या पता लौट के आउं ना आउं
डरता हूं पास रहने से 
कहीं इसी तड़प के साथ बर्बाद होके खत्म ना हो जाउं

एक घूटन जो हर पल मेरे साथ है 
आजकल यह शायद उसी बर्बादी की शुरुआत है

मेरा सबके साथ रहना खुशकिस्मती है
लेकिन दूर जाना तो मेरी किस्मत है

मैं बदल तो नहीं सकता इसे यही मेरी तकदीर है
शायद कुछ वक्त दूर रहकर खुद को बदल लूं

अगर मिला मौका तो फिर मिलेंगे 
नहीं मिला तो समझ लेना जिंदगी ने अपनी उधार सांसे वापस मांग ली 

तुम्हारे ईश्क का कर्ज मैं चूका ना पाउं 
तो गरीब था समझकर माफ कर देना।।

― श्याम
January 28, 2018

उदित हुआ दिनेश (Udit Hua Dinesh)


**उदित हुआ दिनेश**

उदित हुआ दिनेश..!
बहने लगी रसधार यहाँ
सरिता जल निर्मल प्रवाह यहाँ...

उलट गयी यह वेगवती
बसुधा से पर्वत पर चढ़ी...

था जलधि सा न आरपार
और व्योम सा अपरम्पार...

उड़ने लगे जैसे खगेश
मृदु कठोर न सहज वेश...

अपनी माटी निज स्वदेश
उदित हुआ दिनेश..!!

― मानवेन्द्र कुमार