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Sunday 28 January 2018

उदित हुआ दिनेश (Udit Hua Dinesh)


**उदित हुआ दिनेश**

उदित हुआ दिनेश..!
बहने लगी रसधार यहाँ
सरिता जल निर्मल प्रवाह यहाँ...

उलट गयी यह वेगवती
बसुधा से पर्वत पर चढ़ी...

था जलधि सा न आरपार
और व्योम सा अपरम्पार...

उड़ने लगे जैसे खगेश
मृदु कठोर न सहज वेश...

अपनी माटी निज स्वदेश
उदित हुआ दिनेश..!!

― मानवेन्द्र कुमार

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