**तुम सिर्फ मेरी हो**
तेरे आने की आहट से
ये दिल आज भी धड़क उठता है
गुजरता हूँ जो राह से तेरी
ना चाह कर भी तेरी ओर मुड़ता है
तेरे लफ्जों की शरारत से
मेरा दिल चहक उठता है
दूर रहूं या रहूं तेरे करीब मैं
हर रोज एक एहसास तुझसे जुड़ता है
तेरे सांसो की गर्माहट में
एक राहत मुझे हर रोज मिलता है
तेरी मुस्कुराहट पे फिदा होकर
तुझसे चाहत रोज हर रोज बढ़ता है!!
मेरे पास इतने लफ्ज नहीं जितनी तुम खास हो ..
बस इतना कहना है तुम सबसे खास हो
मेरे अजीज एहसास हो...
तुम जब कहती तो "तुम सिर्फ मेरी हो"
यह शब्द सुनकर एक खुशी की लहर
मेरे तन मन में उमड़ जाती है..
मुझे यकिन है तुम्हारे कहे हर एक लफ्ज पे ...
मुझे भरोसा है तुम्हारे हर वादे पे...
और इंतजार है बेसब्री से मुझे उस पल का
जब तुम अपना बेपनाह प्यार लेकर
मेरी दूनिया में आओगी
मेरे लिये हमेसा के लिये...!!
― श्याम
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